पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और प्रदेश में तीन दिन हुई मूसलाधार बारिश के बाद यूपी की नदियां उफना गई है। गंगा यमुना घाघरा सरयू सहित कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फर्रुखाबाद फतेहपुर व उन्नाव में गंगा मुरादाबाद में रामगंगा तो अयोध्या में सरयू का पानी गांवों में घुस रहा है।
प्रदेश में गंगा समेत अन्य नदियां उफान पर हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से फर्रुखाबाद, उन्नाव और फतेहपुर में बाढ़ के हालात हैं। फर्रुखाबाद में शुक्रवार को गंगा खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर 137.10 मीटर पर बह रही हैं। फतेहपुर में गंगा खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। बिंदकी तहसील के कई गांव के मुख्य रास्तों पर बाढ़ का पानी दो से ढाई फीट ऊपर से बह रहा है।
उन्नाव में भी गंगा खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर हैं। जिले के 102 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। शुक्रवार सुबह फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के गड़ाई गांव में पांच वर्षीय बालक बाढ़ के पानी में डूब गया। उसकी मौत हो गई। उधर, मुरादाबाद में रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। दर्जनभर गांव में नदी का पानी घुस गया है। शहर के बाहरी क्षेत्र में भी बाढ़ की आशंका है।
अयोध्या में गिरिजापुरी बैराज से दो चरणों में छोड़े गए पानी के कारण सरयू नदी शुक्रवार को फिर खतरे के निशान के पार पहुंच गई, जिससे तराई के लोगों में दहशत बढ़ गई है। जलस्तर बढ़ने से रुदौली तहसील के आधा दर्जन गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोंडा में घाघरा-सरयू नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। दो दिनों से हो रही बरसात और बाढ़ से घिरते गांव (मजरा) के लोगों की धड़कन बढ़ती ही जा रही है। चार गांव का संपर्क मार्ग बाढ़ में बह गया। टापू बन रहे गांवों के लोगों का संपर्क कट गया है।
बाढ़ से घिरे करीब 40 गांव की 70 हजार की आबादी सुरक्षित स्थान पर अपना अस्थाई ठिकाना तलाश रही है। शाहजहांपुर में बाढ़ प्रभावित दो दर्जन गांवों में 90 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई। बदायूं में छह गांवों में पानी भर गया है। पीलीभीत में शारदा नदी उफनने से तीन गांवों में पानी भर गया। बरेली में रामगंगा, बदायूं व शाहजहांपुर में गंगा खतरे के निशान से नीचे है मगर, कटान नुकसान कर रही।


