अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जिला स्तर पर संगठन को कसने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलों में सांगठनिक बदलाव की जरूरत की थाह लेने के लिए भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सभी संगठनात्मक जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। 15 जुलाई तक गोपनीय रिपोर्ट के साथ ही नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तीन-तीन नामों का पैनल देने को कहा गया है।
जिला स्तर पर होना था सांगठनिक बदलाव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष और जिला प्रभारी शामिल हुए। भाजपा में जिला स्तर पर सांगठनिक बदलाव तो पहले ही होने थे, लेकिन पहले निकाय चुनाव और फिर महाजनसंपर्क अभियान के कारण इसे टाला जाता रहा।
15 जुलाई तक बढ़ाये गए महाजनसंपर्क अभियान के बाद अब जिलों के संगठन में फेरबदल होगा। भाजपा ने पूरे प्रदेश को सांगठनिक दृष्टि से 98 जिलों में बांटा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सभी प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
बदल सकते हैं 40 से अधिक जिलाध्यक्ष
सूत्रों को अनुसार, तो पार्टी 40 से 50 तक जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी कर रही है। लंबे समय से जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर जमे पदाधिकारियों को चलता किया जाएगा। ऐसे जिलाध्यक्ष भी हटाये जाएंगे जो निष्क्रिय रहे हैं या जिनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें और आरोप हैं। जो जिलाध्यक्ष या महानगर अध्यक्ष एमएलसी बन चुके हैं, उन्हें भी पदमुक्त किया जाएगा।