- 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया अंतिम स्नान, महाकुंभ का भव्य समापन।
- सोशल मीडिया पर महाकुंभ का जलवा, कई चेहरे बने वायरल सेंसेशन।
- IIT बाबा, मोनालिसा, आकाश यादव (चायवाला) और चिमटे वाले बाबा बने चर्चा का विषय।
- यूट्यूबर को कूटते चिमटे वाले बाबा रहे कई दिनों तक टॉप ट्रेंड में।
- महाकुंभ 2025 ने न केवल आस्था बल्कि डिजिटल दौर में भी रचा इतिहास।
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 का समापन महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ हुआ, जिसमें 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक आयोजन में सोशल मीडिया ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई, जहां कई चेहरे वायरल हुए और चर्चा का विषय बने।
सोशल मीडिया पर छाए महाकुंभ के चर्चित चेहरे
- आईआईटीयन बाबा अपनी अनोखी बातों से सोशल मीडिया पर छाए रहे।
- मोनालिसा, जो महाकुंभ में रुद्राक्ष की माला बेचने आई थी, अब बॉलीवुड में कदम रख चुकी हैं और फिल्म मणिपुर डायरी की शूटिंग कर रही हैं।
- चाय वाला आकाश यादव, जो प्रेमिका की सलाह पर दातून बेचने आए थे, सोशल मीडिया की बदौलत इतनी प्रसिद्धि पा गए कि उन्हें मुंबई के एक टीवी शो में बुलाया गया।
- चिमटे वाले बाबा, जिन्होंने एक यूट्यूबर को गलत सवाल पर पीट दिया, सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड में रहे।
- 37 साल बाद मिले फायर अधिकारी और शिक्षिका की मुलाकात का वीडियो लाखों लोगों ने देखा।
- कांटे वाले बाबा की मार्मिक कहानी, अनाज बाबा के सिर पर हरी फसल, और चना बेचकर लखपति बने युवक जैसे वीडियो भी वायरल रहे।
ओडीओपी प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र
महाकुंभ में आयोजित ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) प्रदर्शनी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी में बागपत की चादर, हाथरस की हींग और अलीगढ़ का पीतल का सामान विशेष रूप से लोकप्रिय रहे। उपायुक्त उद्योग शरद टंडन ने बताया कि 45 दिनों में लाखों लोगों ने इस प्रदर्शनी का भ्रमण किया और करोड़ों रुपये की बिक्री हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी प्रदर्शनी का दौरा कर उद्यमियों का हौसला बढ़ाया।
55 सौ से अधिक खोई महिलाओं को उनके परिवार से मिलाया गया
महाकुंभ में परंपरागत और आधुनिक तरीकों से 5500 से अधिक महिलाओं और दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य किया गया। रणजीत पंडित शिक्षा समिति और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा भूले-भटके शिविर का संचालन किया गया, जिसकी शुरुआत 1954 में इंदिरा गांधी, मृदुला साराभाई और कमला बहुगुणा ने की थी। शिविर प्रबंधक संत प्रसाद पांडेय के अनुसार, पुलिस और स्वयंसेवकों द्वारा लाई गई खोई हुई महिलाओं और बच्चों की पहचान कर उन्हें उनके परिजनों से मिलाया गया।
इस बार छह वर्षीय बाबुल अपने घरवालों से नहीं मिल सका, जिसे बाल संरक्षण गृह भेजा गया। शिविर में लाए गए सभी लोगों को भोजन, दवाइयां और अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त, संस्था द्वारा 15 दिनों तक भंडारे का आयोजन भी किया गया।
महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आयोजन
पवित्र त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ दिव्य और भव्य महाकुंभ 45 दिनों तक चला और महाशिवरात्रि के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना, बल्कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर भी छाया रहा। महाकुंभ 2025 की ये अनोखी कहानियां आने वाले वर्षों तक याद की जाएंगी और इन पर चर्चा होती रहेगी।