प्रियंका चोपड़ा, जो आज बॉलीवुड और हॉलीवुड में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुकी हैं, उनके करियर की शुरुआत भी काफी दिलचस्प रही है। एक वक्त था जब सुभाष घई, जो बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक हैं, उन्हें अपनी फिल्म में हीरोइन बनाने की सोच रहे थे। लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा, और बाद में करीना कपूर को उस फिल्म में लिया गया, जो अंततः बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई। यह घटना बॉलीवुड इंडस्ट्री के उस दौर का हिस्सा है, जब सितारों की किस्मत बदलने के लिए एक छोटी सी बात भी मायने रखती थी।
प्रियंका चोपड़ा की शुरुआती फिल्मी यात्रा
प्रियंका चोपड़ा, जो एक मिस वर्ल्ड रह चुकी हैं, ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2002 में फिल्म “थामस” से की थी। हालांकि, उनकी पहली फिल्म ज्यादा सफल नहीं हो पाई, लेकिन उनके अभिनय ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म “अजनबी” (2001) और “कभी अलविदा ना कहना” (2006) जैसी फिल्मों से मिली।
प्रियंका का बॉलीवुड करियर लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा था। उनकी खूबसूरती, अभिनय और आत्मविश्वास ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग स्थान दिलाया। लेकिन सुभाष घई जैसे बड़े नामों द्वारा उन्हें अपनी फिल्मों में लेने का विचार उनकी स्टार पावर का प्रमाण था। सुभाष घई, जिन्होंने “कालीचरण”, “राम लखन”, “तेजाब”, “खलनायक”, “कारवां”, “प्यार किया तो डरना क्या” जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया था, प्रियंका को अपनी फिल्म में लीड रोल के रूप में कास्ट करना चाहते थे।
सुभाष घई और प्रियंका चोपड़ा की मुलाकात
सुभाष घई ने एक बार मीडिया में यह बयान दिया था कि वह प्रियंका चोपड़ा को अपनी फिल्म के लिए एक प्रमुख भूमिका में कास्ट करने के इच्छुक थे। यह एक बड़ा अवसर था क्योंकि सुभाष घई के पास उस समय बॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्में बनाने की क्षमता थी, और उनकी फिल्मों में काम करना एक अभिनेता या अभिनेत्री के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता था। प्रियंका, जो उस समय अपने करियर के शुरुआती दौर में थीं, ने भी इस मौके को अपनी सफलता की सीढ़ी माना।
लेकिन कुछ कारणों से प्रियंका को वह फिल्म नहीं मिली। यह फिल्म आखिरकार करीना कपूर को मिली, जिन्होंने उस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई। करीना कपूर उस समय बॉलीवुड की एक प्रमुख और स्थापित अभिनेत्री बन चुकी थीं। उन्होंने कई हिट फिल्में दी थीं और उनकी स्टार पावर बेहद मजबूत थी। हालांकि, इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली, और यह फिल्म एक फ्लॉप साबित हुई।
फिल्म की असफलता
प्रियंका चोपड़ा के बारे में यह माना जाता है कि यदि वह फिल्म का हिस्सा बनतीं, तो शायद फिल्म की किस्मत कुछ अलग होती। करीना कपूर, जो उस समय अपने करियर के चरम पर थीं, को फिल्म का लीड रोल मिला, लेकिन फिल्म को व्यावसायिक सफलता हासिल नहीं हो पाई। कई कारण थे, जिनकी वजह से यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।
पहला कारण शायद फिल्म की कहानी और पटकथा थी, जो दर्शकों के लिए खास आकर्षक नहीं थी। दूसरा कारण था, उस समय फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे ट्रेंड और दर्शकों के बदलते स्वाद। फिल्म में करीना कपूर के अभिनय की भी आलोचना की गई, और इस फिल्म के बाद करीना के करियर में कुछ ठहराव सा महसूस हुआ।
इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद सुभाष घई ने भी यह माना कि कभी-कभी, सही समय पर सही निर्णय लेना बेहद जरूरी होता है। अगर प्रियंका चोपड़ा उस फिल्म का हिस्सा बनतीं, तो शायद फिल्म का रिस्पांस थोड़ा बेहतर होता। हालांकि, प्रियंका के लिए यह एक अवसर की तरह था, क्योंकि उन्होंने बाद में और बेहतर भूमिकाओं में खुद को साबित किया और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह मजबूत की।
करीना कपूर का करियर और सुभाष घई की फिल्म
करीना कपूर, जो उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में अपने आप को स्थापित कर चुकी थीं, के लिए यह फिल्म एक नए प्रयोग के रूप में आई थी। करीना के साथ यह फिल्म एक जोखिम भी थी, क्योंकि सुभाष घई की फिल्में बड़े पैमाने पर बनती थीं और दर्शकों से उच्च अपेक्षाएँ रहती थीं। करीना ने फिल्म में अपने अभिनय से पूरी मेहनत की थी, लेकिन शायद वह फिल्म की कहानी और निर्देशन के साथ तालमेल नहीं बैठा पाई। फिल्म के फ्लॉप होने से करीना को भी एक झटका लगा था, लेकिन उनके करियर में यह कोई बड़ा नुकसान साबित नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी हिट फिल्मों में काम किया और इंडस्ट्री में अपनी पकड़ को और मजबूत किया।
प्रियंका चोपड़ा का करियर फ्लो
प्रियंका चोपड़ा के लिए यह एक अहम मोड़ था, जब उन्होंने सुभाष घई की फिल्म में अभिनय नहीं किया। हालांकि, यह शायद उनके लिए एक आशीर्वाद था, क्योंकि इसके बाद प्रियंका ने खुद को साबित किया और बॉलीवुड में एक नई पहचान बनाई।
प्रियंका ने “धूम 2” (2006) और “फैशन” (2008) जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें उनकी अदाकारी ने उन्हें पहचान दिलाई। “फैशन” में उनके अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। इसके बाद प्रियंका ने “बेवॉच” (2017) जैसी फिल्मों में भी काम किया, जो हॉलीवुड में उनकी सफलता का प्रतीक बनी।
प्रियंका चोपड़ा के करियर में कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन वह हमेशा उन मुश्किलों से बाहर निकलीं और अपनी मेहनत से ऊंचाइयों को छुआ। उनका करियर बॉलीवुड से निकलकर हॉलीवुड तक पहुँचने की कहानी खुद में एक प्रेरणा है।
सुभाष घई का करियर
सुभाष घई, जो फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज निर्माता-निर्देशक हैं, ने भी एक लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री में अपना स्थान बनाए रखा है। हालांकि, हाल के वर्षों में उनका करियर थोड़ा ठहराव का सामना कर रहा है, लेकिन उनका योगदान बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में रहा है। “कालीचरण”, “राम लखन”, “तेजाब”, और “खलनायक” जैसी फिल्मों ने उन्हें इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम दिया।
लेकिन, इस घटना से यह भी साफ हो जाता है कि सिनेमा की दुनिया में कभी भी किसी की किस्मत पलट सकती है। सुभाष घई ने जो फिल्म प्रियंका चोपड़ा के लिए बनाई थी, वह न केवल एक फिल्म बल्कि एक करियर बनाने का मौका भी हो सकता था। हालांकि, यह भी सच है कि किसी फिल्म की सफलता या असफलता सिर्फ कास्टिंग पर निर्भर नहीं होती, बल्कि फिल्म की कहानी, निर्देशन और अन्य कई पहलुओं पर निर्भर करती है।
प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर के बीच हुई इस घटना ने यह साबित किया कि फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत, समय और सही फैसले कितने महत्वपूर्ण होते हैं। प्रियंका चोपड़ा का करियर उस समय कई मोड़ों से गुजर रहा था, और वह फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही थीं। वहीं, करीना कपूर के लिए यह फिल्म एक नई चुनौती थी, लेकिन उसके बावजूद वह अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट के दम पर एक नई दिशा में बढ़ी।
हालांकि, फिल्म के फ्लॉप होने के बाद सुभाष घई और करीना कपूर दोनों के लिए यह एक कठिन अनुभव रहा, लेकिन यह साबित करता है कि फिल्म इंडस्ट्री में कभी भी किसी भी अभिनेता या निर्देशक की किस्मत पलट सकती है। प्रियंका चोपड़ा का करियर इन घटनाओं से न केवल प्रभावित हुआ बल्कि आगे चलकर उन्होंने अपनी मेहनत और अभिनय से इंडस्ट्री में अपना एक खास स्थान बना लिया।