नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CBI जांच के दिए आदेश, 9000 करोड़ की गड़बड़ी का होगा खुलासा

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  • 9000 करोड़ के घोटाले की जांच: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में हुए 9000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के लिए CBI को निर्देश दिए।
  • मुकदमा दर्ज करने का आदेश: हाईकोर्ट ने इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज करने और निष्पक्ष जांच करने को कहा।
  • नोएडा प्राधिकरण और बिल्डरों पर शक: कोर्ट ने संदेह जताया कि इस घोटाले में नोएडा प्राधिकरण, बिल्डर और अन्य प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं।
  • CBI को कड़ी कार्रवाई के निर्देश: यदि जांच में किसी भी अधिकारी या व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है, तो CBI बिना देरी के उन पर कड़ी कार्रवाई करे।
  • स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश: हाईकोर्ट ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट अधूरा नहीं रहना चाहिए, इसे जल्द पूरा किया जाए।

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में हुए 9000 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि नोएडा प्राधिकरण, बिल्डर या कोई अन्य व्यक्ति इस घोटाले में शामिल पाया जाता है, तो CBI को बिना देरी के सीधे कार्रवाई करनी होगी।

कोर्ट ने क्यों दिए जांच के आदेश?

नोएडा प्राधिकरण ने पांच सेक्टरों (78, 79, 101, 150, 152) में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट के लिए बिल्डरों को जमीन आवंटित की थी, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं विकसित करना था। लेकिन, बिल्डरों ने कोई विकास कार्य नहीं किया और निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया।

  • 2004: प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया।
  • 2010: प्रोजेक्ट को 150 हेक्टेयर क्षेत्र में शुरू करने की योजना बनी।
  • 2011-2020: 9 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और घोटाला चलता रहा।
  • CAG रिपोर्ट: जब इस घोटाले का खुलासा हुआ, तब सरकार ने संज्ञान लिया।
घोटाले का तरीका और बिल्डरों की गड़बड़ी

नोएडा प्राधिकरण ने चार बड़े बिल्डर ग्रुप (थ्रीसी, लाजिक्स, जनाडू, एटीएस) को भूखंड आवंटित किए थे, लेकिन इन कंपनियों ने 84 टुकड़ों में जमीन को अलग-अलग बिल्डरों को बेच दिया।

  • शर्तों का उल्लंघन: 70% भूमि खेल सुविधाओं के लिए होनी थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
  • ग्रुप हाउसिंग नक्शे पास किए गए: 46 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के नक्शे पास कर दिए गए।
  • नोएडा प्राधिकरण को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान: बिल्डरों ने बकाया राशि जमा नहीं की, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
हाईकोर्ट के आदेश:
  1. CBI को जांच शुरू करने के निर्देश।
  2. नोएडा प्राधिकरण और बिल्डरों की भूमिका की गहराई से जांच होगी।
  3. यदि घोटाले में कोई भी दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
  4. कामनवेल्थ गेम्स के लिए शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का आदेश।

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले ने राज्य सरकार, प्राधिकरण और आम जनता को भारी नुकसान पहुंचाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद CBI की जांच से घोटाले के दोषियों पर शिकंजा कसने की उम्मीद जताई जा रही है।

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