प्लास्टिक कचरे के निस्तारण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार और पंचायती राज विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब गुटखा और चिप्स के पैकेट जैसे मल्टीलेयर प्लास्टिक से सड़क और खिलौने बनाए जाएंगे। इसके लिए रामपुर के सिंघम खेड़ा में पहली इंटीग्रेटेड प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट स्थापित की जा रही है।
मल्टीलेयर प्लास्टिक निस्तारण से गुटखा-चिप्स पैकेट का सदुपयोग
गुटखा और चिप्स जैसे पैकेट पहले गंदगी फैलाने का कारण बनते थे, लेकिन अब इन्हीं का सदुपयोग होगा।
मल्टीलेयर प्लास्टिक के निस्तारण से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।
इस यूनिट की स्थापना पर करीब 8.5 लाख रुपये की लागत आएगी।
पंचायती राज विभाग द्वारा स्थापित सिंगल यूज प्लास्टिक यूनिटें
प्रदेश में पंचायती राज विभाग ने पहले से ही सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाई हैं।
अब तक 61 जिलों में 102 यूनिट स्थापित की गई हैं। प्रत्येक यूनिट पर लगभग 16 लाख रुपये खर्च हुए।
इनमें से 94 यूनिटें वर्तमान में सक्रिय हैं, जबकि बाकी को भी जल्द शुरू करने की तैयारी है।
5 महीनों में 6.10 लाख किलो सिंगल यूज प्लास्टिक का निस्तारण
पिछले पांच महीनों में सक्रिय यूनिटों ने 6.10 लाख किलो सिंगल यूज प्लास्टिक का निस्तारण किया।
इससे प्लास्टिक के दाने और टुकड़े तैयार हुए। इनकी बिक्री से विभाग ने 22 लाख रुपये की आय अर्जित की।
इंटीग्रेटेड प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट से बनेंगे खिलौने और सड़कें
इन दानों से कुर्सियां, मेज और खिलौने बनाए गए, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों में प्लास्टिक के टुकड़ों का उपयोग किया गया।
इससे न केवल मल्टीलेयर प्लास्टिक निस्तारण संभव हुआ, बल्कि कचरे से मूल्यवान वस्तुएं तैयार हुईं।
रामपुर के बाद अन्य जिलों में भी इंटीग्रेटेड प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट
पंचायती राज विभाग निदेशक अमित सिंह ने कहा कि रामपुर में यह पहल सफल रही तो अन्य जिलों में भी इसी तरह की इंटीग्रेटेड प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट स्थापित की जाएगी। इससे पूरे प्रदेश में मल्टीलेयर प्लास्टिक निस्तारण को बढ़ावा मिलेगा।