उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने आज राज्य के छह प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) के निर्माण हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह ऐतिहासिक पहल राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष 2026–27 के लिए की गई है। इस योजना के तहत राज्य के 75 जनपदों की 750 ग्राम पंचायतें मॉडल विकास केंद्र के रूप में विकसित की जाएंगी।
कार्यक्रम का आयोजन और सहभागिता
यह कार्यक्रम श्री अमित कुमार सिंह, आई.ए.एस., निदेशक, पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर निम्नलिखित विश्वविद्यालयों ने भागीदारी की:
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), अलीगढ़
- डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
- बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
- डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
इन विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ प्रोफेसरों, विभागाध्यक्षों एवं कुलसचिवों ने इस समझौते में सहभागिता की।
उद्देश्य और दिशा
इस पहल का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक एवं तकनीकी क्षमता को ग्राम पंचायत स्तर की योजना निर्माण प्रक्रिया से जोड़ना है।
इसके माध्यम से स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (LSDGs) पर आधारित, समेकित एवं सहभागी योजनाएं तैयार की जाएंगी।
मॉडल GPDP के तहत कम लागत एवं बिना लागत वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे—
- ग्राम पंचायतों में सतत आजीविका के अवसर बढ़ें
- महिलाओं एवं बच्चों का समग्र विकास हो
- आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण हो
विश्वविद्यालयों का दृष्टिकोण
सभी सहभागी विश्वविद्यालयों ने इस पहल को “शिक्षा और शासन के एकीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण” बताया।
उनका कहना था कि यह सहयोग ग्रामीण भारत के विकास में ज्ञान और नीति के बीच सेतु का कार्य करेगा।
अधिकारी का वक्तव्य
श्री अमित कुमार सिंह, निदेशक, पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश ने कहा—“विश्वविद्यालयों का ग्राम पंचायतों से जुड़ाव योजनाओं की गुणवत्ता को बढ़ाएगा और ग्रामीण शासन को अधिक सशक्त एवं उत्तरदायी बनाएगा।”

अन्य उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर श्री मनीष कुमार (उपनिदेशक पंचायत) — नोडल ऑफिसर, आरजीएसए;
आरजीएसए टीम एवं एन.आई.आर.डी.पी.आर टीम की उपस्थिति रही।





