spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

RSS का दूसरा सबसे बड़ा गढ़ बनेगा अयोध्या:संघ 100 एकड़ में बनाना चाहता है मुख्यालय; नव्य अयोध्या में जमीन मांगी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) 2025 में अपना शताब्दी वर्ष मनाने की तैयारी में है। इससे पहले वह अयोध्या में अपना एक और मुख्यालय बनाना चाहती है। इसके लिए आवास विकास परिषद से 100 एकड़ जमीन मांगी है। संघ यह जमीन ग्रीन फील्डशिप योजना (नव्य अयोध्या) में चाहती है। इसके लिए बाकायदा आवेदन भी किया है। ये बात आवास विकास परिषद के अधिकारी ने भास्कर को बताया।

दरअसल, कोविड की 4 लहर थमने के साथ ही RSS के 3 बड़े राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम यहां आयोजित हो चुके हैं। आने वाले साल में RSS की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। RSS अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में है। इस वर्ष RSS यहां मुख्यालय तैयार करा लेना चाहता है। ये यूपी का सबसे बड़ा कार्यालय होगा। जहां, इतना पर्याप्त स्थान होगा कि बड़े आयोजन परिसर में ही आयोजित किए जा सकें। इसमें कार्यकर्ताओं के रहने की व्यवस्था होगी।

बड़ा मुख्यालय नागपुर में, दिल्ली के झंडेवालान में भी केंद्र
अभी RSS का मुख्यालय नागपुर में है। दिल्ली के झंडेवालान में भी बड़ा केंद्र है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों में से कुछ का केंद्र नागपुर और कुछ का दिल्ली है। मुंबई भी इनका बड़ा केंद्र है। बीते दिनों में हुए अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षा वर्ग और बौद्धिक शिक्षा वर्ग के आयोजन भी कराए गए।

हालांकि अयोध्या के निकट ही पुराने फैजाबाद नगर की साकेतपुरी कालोनी में लगभग 1 लाख वर्ग फीट में RSS का प्रांतीय मुख्यालय बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के प्रारंभ होने के बाद से जिस तरह से संगठन की गतिविधियां और कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का आवागमन बढ़ा है, साकेत निलयम का विशाल परिसर भी छोटा महसूस होने लगा है।

कारसेवकपुरम और रामसेवकपुरम का स्थान विश्व हिंदू परिषद की ही गतिविधियों से व्यस्त रहता है। दूसरी तरफ, इन स्थानों से ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास भी संचालित होता है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय का केंद्र भी कारसेवकपुरम ही है। इन परिस्थितियों में भविष्य में अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या को ध्यान में रखते हुए बड़े परिसर की स्थापना के लिए जमीन खोजी जा रही है। यह भी संभव है कि नव्य अयोध्या परियोजना में इसके लिए भूमि ली जाए।

हालांकि अभी यह योजना लेआउट सर्वे की स्थिति में भी नहीं आई है, केवल भूमि अधिग्रहण ही हुआ है। RSS की प्राथमिकता अयोध्या धाम में ही स्थान सुरक्षित करने की है, जोकि शताब्दी वर्ष में आकार ले सके। अयोध्या को केंद्र बनाकर पूरे विश्व में मौजूद राम भक्तों को संघ की मुख्य धारा से जोड़ संगठन को विश्व में मजबूत करने और अयोध्या में अपनी जड़ें सीधे तौर पर सबसे प्रभावी करने की है।

अब तक अयोध्या में विहिप सबसे मजबूत संगठन रहा है। जो राम मंदिर विवाद समाप्त होने के बाद सीमित हो चला है। अब संघ अयोध्या की बागडोर सीधे अपने हाथ में और सबसे प्रभावी भूमिका में रखने की तैयारी में है। उसका यह निर्णय राम, रामजन्मभूमि और अयोध्या को लेकर पूरे देश सहित विश्व में बड़ी आस्था और लोकप्रियता को लेकर है।

  • अब आपको ग्रीन फील्ड टाउनशिप यानी नव्य अयोध्या के बारे में भी बताते हैं…

अहमदाबाद की तर्ज पर बसानी है टाउनशिप

  • वैदिक सिटी (नव्य अयोध्या) के नाम से आकार लेने वाली ‘ग्रीन फील्ड टाउनशिप’ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए जिला प्रशासन व आवास विकास विभाग की टीम देश में स्मार्ट सिटी का अध्ययन कर रही हैं। हाल ही में कमिश्नर नवदीप रिणवा की अगुवाई में आवास विकास विभाग की एक टीम ने अहमदाबाद जाकर वहां की व्यवस्थाएं देखी थी।
  • गांधीनगर के पास बन रही गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) भारत की सबसे पहली स्मार्ट सिटी है। यह 886 एकड़ में फैली है। आवास विकास विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी पांडेय ने बताया कि नव्य अयोध्या अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से लैस होगी। यहां निर्माण में बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

यूनिक होगा वैदिक सिटी का इन्फ्रास्ट्रक्चर

  • गुजरात की गिफ्ट सिटी की तरह ही नव्य अयोध्या का इन्फ्रास्ट्रक्चर यूनिक होगा। परिसर में डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम, यूटिलिटी टनल, कचरा एकत्र करने के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम जैसी सुविधाएं होंगी।
  • वैदिक सिटी में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बैंक, आईटी व बीमा कंपनियों के टावर भी बनाए जाएंगे। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्ट के मदद ली जा रही है।

1450 एकड़ एरिया में डेवलप हो रही
नव्य अयोध्या 1450 एकड़ में आकार लेगी। पहले चरण के लिए 83.54 फीसदी भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। सड़क, वाटर लाइन, सीवर, की सुविधा विकसित करने के लिए 475 करोड़ का ग्लोबल टेंडर भी हो चुका है। योजना में 80 देशों के गेस्ट हाउस, राज्यों के अतिथि निवास सहित मठ-मंदिर व आश्रम भी होंगे। योजना में अब तक आठ राज्यों के लिए जमीन आरक्षित की जा चुकी है। नेपाल व श्रीलंका ने भी टाउनशिप में जमीन मांगी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles