वैष्णो देवी जाने के लिए श्रद्धालु अक्सर कटरा की ओर रुख करते हैं, जो जम्मू-कश्मीर में स्थित है और यहाँ की पवित्र गुफा में माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु हर वर्ष पहुंचते हैं। यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसके लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। लेकिन कभी-कभी, यात्रा के दौरान दुर्भाग्यवश ऐसी घटनाएँ घटित हो जाती हैं जो सभी को दुखी कर देती हैं। हाल ही में, वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं की एक बस का दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 12 यात्री घायल हो गए। इस घटना ने न केवल यात्रियों बल्कि पूरे क्षेत्र को हिला दिया।
इस हादसे ने यात्रियों की धार्मिक यात्रा को त्रासदी में बदल दिया और आसपास के क्षेत्र में खौफ का माहौल पैदा कर दिया। यह घटना 27 जनवरी, 2025 को हुई, जब श्रद्धालुओं से भरी एक बस वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए कटरा से निकल रही थी। बस में 20 से अधिक लोग सवार थे, जिनमें महिलाएँ, बच्चे, और बुजुर्ग भी शामिल थे। सड़क पर यात्रा के दौरान अचानक बस का नियंत्रण खो गया और वह पलट गई। हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल था।
घटनास्थल पर स्थिति
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और अन्य श्रद्धालु मदद के लिए दौड़े। घटनास्थल पर पहले तो घबराए हुए लोग इधर-उधर भाग रहे थे, लेकिन कुछ ही समय में स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। घायल यात्रियों को तुरंत अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस और अन्य सहायता पहुंचाई गई। इन यात्रियों में कुछ की हालत गंभीर थी, जबकि कुछ को मामूली चोटें आई थीं।
स्थानीय लोगों का कहना था कि यह हादसा अचानक हुआ। श्रद्धालुओं ने बताया कि बस में सफर कर रहे लोग पूजा-अर्चना और आपस में बातें कर रहे थे, लेकिन अचानक बस का चालक नियंत्रण खो बैठा और बस एक खाई में पलट गई। बस के पलटते ही अंदर अफरातफरी मच गई, लोग चिल्लाने लगे और कुछ यात्री तो बस के अंदर फंसे हुए थे।
घायल यात्रियों की आपबीती
घायलों ने अस्पताल में अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि हादसा बहुत डरावना था। कुछ यात्री तो यह कह रहे थे कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे पूरी बस हवा में उड़ने लगी हो। एक यात्री ने कहा, “बस ने अचानक तेज मोड़ लिया और हम सभी सीट से उछल पड़े। मैं बस के अंदर कुछ समय के लिए फंसा रहा, और कुछ देर तक तो मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। जब होश आया तो बस पलट चुकी थी और हर तरफ चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं।”
कुछ यात्रियों ने बताया कि बस में सवार कुछ लोग पहले ही चिल्ला रहे थे कि बस बहुत तेज चल रही है, लेकिन चालक ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। एक अन्य यात्री ने कहा, “हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हम सिर्फ बस की गति को नियंत्रित करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अचानक बस पलट गई और हमें बहुत चोटें आईं।”
घायलों में से कई का कहना था कि जब बस पलटी, तो उनकी आँखों के सामने पूरी दुनिया उलट गई थी। वे किसी तरह खुद को बाहर निकालने में सफल हुए, लेकिन कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार की आवश्यकता थी।
हादसे के कारण
इस हादसे के कारणों की जांच शुरू की गई है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार बस का चालक तेज गति से गाड़ी चला रहा था और इस दौरान उसका नियंत्रण खो गया। कुछ यात्री भी यह दावा कर रहे हैं कि चालक नशे में था और उसने बस को असावधानी से चलाया था। इसके अलावा, सड़क की स्थिति भी घटना के कारणों में से एक हो सकती है, क्योंकि कटरा की पहाड़ी रास्तों पर ट्रैफिक अक्सर बढ़ा रहता है और खराब मौसम की स्थिति में सड़कें खतरनाक हो जाती हैं।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे के कारणों की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या बस की फिटनेस सही थी या नहीं। इसके अलावा, बस चालक के खिलाफ भी जांच की जा रही है कि कहीं उसने यात्री की सुरक्षा के प्रति लापरवाही तो नहीं बरती थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद, स्थानीय प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू किया। घटनास्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ (State Disaster Response Force), और मेडिकल टीमों ने तुरंत पहुँचकर बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ उनका इलाज किया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, कुछ यात्रियों की हालत गंभीर है, जबकि अन्य को मामूली चोटें आई हैं।
सभी यात्रियों को प्राथमिक उपचार दिया गया और जरूरी मेडिकल जांच भी की गई। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किए हैं और यात्रा मार्ग पर पुलिस तैनात की गई है ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
श्रद्धालुओं का आक्रोश
इस दुर्घटना के बाद, श्रद्धालुओं और उनके परिजनों ने इस हादसे के लिए प्रशासन और बस ऑपरेटर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। कुछ ने कहा कि यदि बस का चालक अधिक सावधानी बरतता तो यह हादसा टल सकता था। एक यात्री के रिश्तेदार ने कहा, “हमने हमेशा सुरक्षित यात्रा की उम्मीद की थी, लेकिन इस हादसे ने हमारी पूरी यात्रा को काला कर दिया।”
कुछ श्रद्धालुओं ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने सुरक्षा उपायों की पूरी तरह से अनदेखी की है। उनका कहना था कि अगर यात्रा मार्ग पर सुरक्षा चेकपोस्ट और नियमों का पालन सख्ती से किया जाता तो इस तरह की घटना रोकी जा सकती थी।
भविष्य के उपाय
इस हादसे के बाद, प्रशासन और यात्री संगठन ने इस बात पर जोर दिया है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक कदम उठाए जाएं।
- सड़क सुरक्षा – यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और यातायात नियंत्रण को सख्त किया जाए, ताकि तेज गति से चलने वाली गाड़ियों को रोका जा सके।
- बस संचालन के नियम – बस ऑपरेटरों और चालकों के लिए कड़ी ट्रेनिंग और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- सुरक्षा उपकरण – बसों में बेहतर सुरक्षा उपकरण जैसे कि सीट बेल्ट, एयरबैग, और अन्य संरचनात्मक बदलाव किए जाएं।
- सतर्कता अभियान – श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाए, और उन्हें वाहनों में चढ़ते वक्त सावधानियों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।
वैष्णो देवी जाने के दौरान हुए इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि यात्रा के दौरान सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस घटना ने एक बार फिर से यात्री सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया और इसके बाद प्रशासन को इस मामले में सुधार के लिए कदम उठाने की जरूरत महसूस हुई। हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि यात्रा से जुड़ी सुरक्षा का ध्यान रखना जितना जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण यह है कि हमें ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।