योगी आदित्यनाथ सरकार की जीरो टालरेंस नीति के तहत यूपी में पिछले तीन वर्षों में तीस हजार मामलों में दोषियों को सजा दिलाई गई। इसमें मुख्तार अंसारी से लेकर हमले में मारे गए माफिया अतीक अहमद को भी यूपी पुलिस ने सजा दिलवाई।
प्रदेश में अभियोजन के बढ़ते कदम भी अपराधियों के हौसले ध्वस्त कर रहे हैं। माफिया मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद से लेकर अन्य बड़े से लेकर छोटे अपराधियों को यूपी पुलिस ने तेजी से सजा सुनिश्चित कराने में कामयाबी हासिल की है। प्रभावी पैरवी का परिणाम है कि तीन वर्षों में 30 हजार से अधिक मामलों में आरोपितों को कोर्ट ने सजा सुनाई है।
यूपी पुलिस का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छा
तीन वर्षों में कोर्ट में शतप्रतिशत गवाहों के बयान सुनिश्चित कराकर यह सफलता हासिल की गई है। पूरे देश में कम समय में अपराधियों को सजा दिलाने, ई-आफिस व ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर यूपी पुलिस का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छा रहा है। वर्ष 2021 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने आइसीजेएस सिस्टम के तहत नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की ओर से देश में उत्तर प्रदेश को अभियोजन कार्य के लिए सम्मानित किया था।
अवैध मतांतरण के 833 आरोपितों पर कार्रवाई
छल-कपट से अवैध मतांतरण कराकर महिलाओं के उत्पीड़न की गंभीर घटनाओं में भी यूपी पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है। विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रदेश में एक जनवरी, 2021 से 30 अप्रैल, 2023 तक अवैध मतांतरण के 427 मामले दर्ज कर 833 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 185 मामलों में पीड़ित महिलाओं ने कोर्ट में छह-कपट कर व बलपूर्वक उनका मतांतरण कराए जाने का बयान दिया है। इनमें बरेली जोन में 47, मेरठ जोन में 32, प्रयागराज में जोन 13, गोरखपुर जोन में 12, आगरा जोन में 11, लखनऊ जोन में 10 तथा वाराणसी जोन में 10 पीड़ित महिलाओं ने कोर्ट में उनका जबरन मतांतरण कराए जाने का सच बयान किया। नाबालिग लड़कियों के मतांतरण के अब तक 65 मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें सर्वाधिक मेरठ जोन में 12 व गोरखपुर जोन में 10 मुकदमे दर्ज हैं। अवैध मतांतरण के मामलों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जा रही है।




