हिंदी सिनेमा की दिलचस्पी छोटे शहरों में अब कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। वहां का रहन-सहन, बोलचाल, बेफिक्र अंदाज फिल्मों में देखना दिलचस्प भी होता है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ा रही है नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नेहा शर्मा की कुशन नंदी निर्देशित जोगीरा सारा रा रा।
जोगी को जिस शादी को करवाने का ऑर्डर मिला है, वह डिंपल की ही है। डिंपल जोगी से कहती है कि वह उसकी शादी कैसे भी तुड़वा दे। डिंपल का होने वाला पति लल्लू (महाअक्षय चक्रवर्ती) सरकारी नौकरी करता है, सीधा-साधा है और बिना दहेज के डिंपल से शादी कर रहा है।
कैसे हैं स्क्रीनप्ले, अभिनय और संवाद?
बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म का निर्देशन कर चुके कुशन नंदी ने इस बार विशुद्ध कामेडी में हाथ आजमाया है। कहानी चुनने का उनका प्रयास अच्छा है, लेकिन कमजोर निर्देशन और ढीला-ढाला संपादन कई जगहों पर दृश्यों को ही ऊबाऊ बना देता है।
लेखक गालिब असद भोपाली की लिखी फिल्म की कहानी साधारण जरूर है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार उनके लिखे संवाद और वन लाइनर्स लोटपोट करते हैं। कैरम बोर्ड की गोटियों के जरिए अपहरण की प्रक्रिया समझाने वाला सीन मजेदार है। लिखाई और संजय मिश्रा का अभिनय उसे अलग स्तर पर ले जाता है।
कैसे हैं स्क्रीनप्ले, अभिनय और संवाद?
बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म का निर्देशन कर चुके कुशन नंदी ने इस बार विशुद्ध कामेडी में हाथ आजमाया है। कहानी चुनने का उनका प्रयास अच्छा है, लेकिन कमजोर निर्देशन और ढीला-ढाला संपादन कई जगहों पर दृश्यों को ही ऊबाऊ बना देता है।
लेखक गालिब असद भोपाली की लिखी फिल्म की कहानी साधारण जरूर है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार उनके लिखे संवाद और वन लाइनर्स लोटपोट करते हैं। कैरम बोर्ड की गोटियों के जरिए अपहरण की प्रक्रिया समझाने वाला सीन मजेदार है। लिखाई और संजय मिश्रा का अभिनय उसे अलग स्तर पर ले जाता है।
नेहा शर्मा अपने किरदार को पकड़े रखने का प्रयास करती हैं, हालांकि कुछ जगहों पर उनका शहरी अंदाज दिख जाता है। जोगी के दोस्त के रोल में रोहित चौधरी ध्यान आकर्षित करते हैं। संजय मिश्रा चौधरी गैंग के मुखिया के छोटे से रोल में लोटपोट करते हैं। दादी की भूमिका में फारुख जफर को पर्दे पर देखना सुखद है।
कलाकार: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नेहा शर्मा, महाअक्षय चक्रवर्ती, संजय मिश्रा, जरीना वहाब, फारुख जफर, रोहित चौधरी आदि।