युवक रामचंद्र की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरा गांव आक्रोशित हो गया। मंगलवार को जैसे ही रामचंद्र का शव गांव पहुंचा, ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ हल्ला बोल दिया। अपने-अपने साधनों से ग्रामीणों ने बंहृनपुर की ओर कूच किया। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी झड़प हुई।
ग्रामीणों और पुलिस के बीच विवाद
मझगई चौकी इंचार्ज दयाशंकर द्विवेदी के नेतृत्व में पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकने के लिए सरकारी गाड़ियां खड़ी कर दीं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दयाशंकर द्विवेदी एक ट्रैक्टर चालक से उलझते नजर आए। वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे कुचल कर मारना चाह रहे हो। गैंगस्टर लिखूंगा, ट्रैक्टर छुड़ा नहीं पाओगे। पूरे गांव पर मुकदमा करूंगा।”
पोस्टमार्टम हाउस पर महिलाओं का हंगामा
पोस्टमार्टम हाउस पर मृतक के परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। महिलाओं ने पंचनामा दिखाने की मांग की, जिसे पुलिस ने डॉक्टर के पास होना बताया। इस पर महिलाएं भड़क गईं और फर्जी पंचनामा कराने का आरोप लगाया। महिलाओं ने पुलिस को कड़ी चेतावनी दी कि यदि पंचनामा फर्जी निकला, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस को छावनी में तब्दील कर दिया गया। मौके पर सदर कोतवाली, महिला थाना, खीरी थाना और शारदानगर थाना की पुलिस तैनात रही। सीओ सिटी रमेश कुमार तिवारी और एसपी गणेश प्रसाद साहा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
महिलाओं का विरोध और शव ले जाने में अड़चन
पोस्टमार्टम के बाद जब शव को एंबुलेंस से गांव ले जाने की तैयारी हुई, तो पीड़ित महिलाओं ने एंबुलेंस से शव ले जाने से इनकार कर दिया। काफी समझाने के बाद परिवारजन राजी हुए, जिसके बाद शव को गांव भेजा गया।
आगे की कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।