- संगम तट की प्राथमिकता: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की पहली पसंद बना विहंगम संगम तट।
- अमृत स्नान का उत्साह: हर घंटे लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर किया अमृत स्नान।
- आस्था का महासागर: संगम तट पर श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व जनसैलाब, अद्वितीय आध्यात्मिक माहौल।
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक जनसमागम महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर मंगलवार को लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने सर्वाधिक संगम तट को स्नान के लिए प्राथमिकता दी, जहां पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया।
संगम तट का विस्तार: सिंचाई विभाग का अभिनव प्रयास
यह अद्वितीय आयोजन सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा, यांत्रिक बैराज यांत्रिक खंड अनुरक्षण, वाराणसी के अथक प्रयासों से संभव हो पाया। मात्र 85 दिनों में तीन शिफ्ट में कार्य करते हुए विभाग ने शास्त्री ब्रिज से संगम तट तक 27 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया। इस कार्य में चार बड़ी ड्रेजिंग मशीनों का उपयोग किया गया।
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता उपेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्य को अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार सिंह और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया। टीम में सूर्य भूषण, प्रदीप, अनुराग और अन्य कर्मचारियों के प्रयास उल्लेखनीय रहे।
आस्था का महासमागम: हर घंटे 10 लाख श्रद्धालु संगम तट पर
अनुमान के अनुसार, हर घंटे नौ से 10 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। संगम तट पर श्रद्धालुओं की यह अद्वितीय उपस्थिति भारतीय संस्कृति और परंपरा की अद्वितीय छवि प्रस्तुत करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया अभिनंदन
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर्व पर आस्था का महासमागम और सफल आयोजन देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया। उन्होंने अपने एक्स (X) हैंडल पर भावपूर्ण पोस्ट के माध्यम से लिखा:
“प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों और श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया। महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति पर संगम तट पर उमड़ी भक्तों की भीड़ और उनके उत्साह ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और परंपरा की अद्वितीय छवि प्रस्तुत की है। यह सनातन धर्म की अनुपम शक्ति और आस्था का प्रतीक है।”
उन्होंने सफल आयोजन के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा केंद्र और प्रदेश सरकार के सभी विभागों का धन्यवाद किया। उन्होंने प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा:
“पुण्य फलें, महाकुंभ चलें।”

संगम तट: आस्था और समर्पण का केंद्र
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान पर्व ने संगम तट को श्रद्धालुओं का केंद्र बना दिया है। आस्था और समर्पण के इस पावन अवसर पर भारतीय संस्कृति और परंपरा का अद्भुत दर्शन हुआ। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को आस्था के महायज्ञ के रूप में संबोधित करते हुए इसके सुचारु संचालन की कामना की।