मिर्जापुर में गंगा नदी पर 2.6 किलोमीटर लंबा छह लेन का पुल और 12.4 किलोमीटर लंबी फोरलेन बाईपास सड़क का निर्माण जल्द शुरू होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 1700 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सड़क निर्माण के लिए फरवरी से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ होगी।
इस परियोजना से दक्षिण भारत से पूर्वांचल, नेपाल और उत्तर-पश्चिम बिहार के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। पुल निर्माण के साथ 15 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना में से 8 किलोमीटर कार्य विंध्याचल और 7 किलोमीटर कार्य कोन ब्लॉक में कराया जाएगा। सड़क पुरजागीर से शुरू होकर सीटी ब्लॉक के टांड़ में समाप्त होगी और औराई में दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएगी।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- गंगा पर छह लेन पुल: विंध्याचल के शिवपुर, मवैया और अर्जुनपुर के बीच 2.6 किलोमीटर लंबा पुल बनेगा।
- फोरलेन बाईपास सड़क: 12.4 किलोमीटर लंबी सड़क क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।
- मुआवजा और भूमि अधिग्रहण: प्रभावित किसानों को भारी-भरकम मुआवजा राशि मिलेगी। सर्किल रेट तय कर दिए गए हैं:
- टांड़ और मवैया: ₹34,425 प्रति बिस्वा
- हर्रई और श्रीपट्टी: ₹21,925 प्रति बिस्वा
- चितामनपुर और पुरजागीर: ₹66,875 प्रति बिस्वा
- भवानीपुर: ₹63,962 प्रति बिस्वा
- शिवपुर: ₹1,97,500 प्रति बिस्वा
आर्थिक और सामाजिक लाभ
- परियोजना के तहत सड़क के किनारे उद्योग और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
- बाईपास और पुल निर्माण से भारी वाहनों की आवाजाही सुगम होगी, जिससे यातायात की समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
- वर्तमान में जर्जर शास्त्री ब्रिज पर भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है। पुल बनने से मिर्जापुर के माध्यम से वाहन सीधे जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, बिहार और नेपाल तक पहुंच सकेंगे।
- यह परियोजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ पूर्वांचल के जिलों को भी वाराणसी से बेहतर तरीके से जोड़ेगी।
परियोजना के पीछे प्रयास
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयासों से इस परियोजना को हरी झंडी मिली है। मिट्टी की जांच और अन्य प्रारंभिक कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं।
इस बाईपास और पुल के निर्माण से न केवल क्षेत्रीय संपर्क मजबूत होगा बल्कि उत्तर प्रदेश और देश के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। हादसों पर नियंत्रण होगा और यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम बनेगी।