दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मानव तस्करी निरोधक दस्ते ने दो किशोरियों को उनके घर से भागने के बाद बरामद कर लिया है। दोनों किशोरियों के मामले अलग-अलग थे, और पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इन मामलों की जांच में सफलता प्राप्त की।
पुलिस के अनुसार, एक किशोरी के खिलाफ मयूर विहार थाने और दूसरी के खिलाफ नेब सराय थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। दोनों किशोरियों का कोई अता-पता नहीं चल रहा था, लेकिन पुलिस ने गहन जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोनों को बरामद किया।
डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि 12 नवंबर को नेब सराय थाने में एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। दो दिनों तक किशोरी का पता न चलने पर पुलिस ने मामले में अपहरण की धारा जोड़ी। एसीपी अरुण चौहान और इंस्पेक्टर महिंदर लाल की टीम ने दिल्ली एनसीआर और हरियाणा के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की, लेकिन किशोरी का कोई सुराग नहीं मिला। बाद में कश्मीरी गेट इलाके में गहन जांच और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किशोरी को बरामद किया गया। पूछताछ में पता चला कि किशोरी की अपने माता-पिता से तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद वह घर से भाग गई और एक दोस्त के पास रहने लगी थी।
दूसरी किशोरी के मामले में, मयूर विहार थाने में 9 नवंबर को एक व्यक्ति ने अपनी 15 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने अपहरण की धारा जोड़कर जांच शुरू की। जब स्थानीय पुलिस उसे ढूंढने में असफल रही, तो मामले की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। एसीपी अरुण चौहान और इंस्पेक्टर इना कुमारी की टीम ने कई सीसीटीवी फुटेज की जांच की और स्थानीय लोगों से पूछताछ की, जिसके परिणामस्वरूप किशोरी मयूर विहार फेज एक से बरामद हो गई। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि उसने अपनी सहेली के कहने पर घर छोड़ दिया था और वह उसके साथ चिल्ला गांव, मयूर विहार फेज-एक में रह रही थी।
पुलिस ने दोनों किशोरियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया और इस मामले में पूरी जांच जारी रखने का आश्वासन दिया। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से बच्चों को सुरक्षित ढूंढने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा।