2024 के रण के लिए मैदान तैयार होने लगा है। सबसे ज्यादा फोकस यूपी की 80 सीटों पर है। भाजपा सहित्य अन्य पार्टियों की नजर है। ऐसे में मिशन 2024 को सफल बनाने के लिए भाजपा ने जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को मजबूत करने फोकस कर रही है।
योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज होने लगी है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव में जातीय समीकरण को साधने के लिए मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे शामिल किये जा सकते हैं, कुछ की छुट्टी भी हो सकती है।
राज्य सरकार में मुख्यमंत्री समेत कुल 52 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में सदस्यों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में आठ और चेहरों को शामिल करने की गुंजायश है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार होगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में अपने कुछ मंत्रियों के मंत्रालयों में बदलाव किया है।
अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव के दृष्टिगत योगी सरकार क्षेत्रीय व जातीय समीकरण को और व्यापक सामाजिक आधार देने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है। नगरीय निकाय चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तेज हो गई है। निकाय चुनाव के दौरान भी मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया गया है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल का यह भी आधार बन सकता है। किसी को अच्छे काम के लिए पुरस्कृत करना है या खराब प्रदर्शन करने वालों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाना है या फिर क्षेत्रीय-जातीय समीकरण को साधना है, मंत्रिमंडल विस्तार का कदम उठाने से पहले मुख्यमंत्री को इन विकल्पों पर विचार करना होगा।
केंद्र में मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर भाजपा 30 मई से 30 जून तक देशव्यापी संपर्क अभियान संचालित करने जा रही है। इसमें राज्य सरकार के मंत्रियों की भी भूमिका होगी। लिहाजा यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार इस अभियान के पहले होता है या इसके बाद।