राज्य सरकार की अनूठी पहल ”जल ज्ञान यात्रा’ शुक्रवार को गौतम बुद्ध नगर में आयोजित की गई। विभिन्न सरकारी स्कूलों के 75 छात्र-छात्राओं ने इसमें भाग लिया। यहां पहली बार छात्र-छात्राओं ने पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच अपनी आंखों के सामने होती हुई देखी। गांव-गांव में पानी सप्लाई के लिए बनाई गई पानी टंकी का भ्रमण किया। पानी सप्लाई की प्रक्रिया को पम्प हाउस में जाकर समझा। उनको जल बचाने की शपथ दिलाई गई। जिसमें बच्चों ने पानी की हर एक बूंद का संचयन करने और परिवारजनों, मित्रों से पानी को व्यर्थ नहीं बहाने की शपथ ली। पहली बार स्कूली छात्र-छात्राओं को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का सहभागी बनाने के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से चलाए गये इस अभियान का उद्देश्य भावी पीढ़ी को जल संचयन, जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है।
गौतम बुद्ध नगर में जल ज्ञान यात्रा का शुभारंभ जल निगम (ग्रामीण) के सहायक अभियंता रामदत्त ने किया। स्कूली छात्र-छात्राओं को सबसे पहले बादलपुर जल जांच प्रयोगशाला ले जाया गया। जहां उनको पानी गुणवत्ता की जांच करके दिखाई गई। जल जांच को कुछ छात्रों ने अपने हाथों से करके देखा। वह जल जांच कर काफी उत्साहित भी हुए। उनको फील्ड टेस्ट किट से की जाने वाली पानी की गुणवत्ता जांचों की भी जानकारी दी गई। छात्र-छात्राओं ने यहां कई तरह के सवाल जल निगम के अधिकारियों से किये। उन्होंने पूछा कि, कौन-कौन से पानी श्रोतों की जांच गांव-गांव में की जा रही है? जिसके जवाब में उनको बताया गया कि, गांवों में नल, कुएं, हैंडपम्प और ट्यूबवेल के पानी की गुणवत्ता परखी जा रही है। बच्चों ने इस तरह के और भी सवाल पूछे जिसके उत्तर जल निगम के अधिकारियों ने उनको दिये। इसके बाद स्कूली छात्र-छात्राओं को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना के तहत बनाई गई सिदिपुर विलेज वॉटर सप्लाई स्कीम ले जाया गया। यहां छात्र-छात्राओं को निर्मित पानी टंकी की क्षमता, कितने गांव और आबादी को दी जा रही पानी सप्लाई आदि की जानकारी दी गई। उनको पम्प हाउस भी ले जाया गया। यहां उनको भूजल उपचार, ग्रे वाटर का उपचार और अन्य संबंधित मुद्दों की भी जानकारी दी गई। स्कूली छात्र-छात्राएं जल संचयन और जल संरक्षण की जानकारी पाकर काफी खुश हुए। उन्होंने यहां जल बचाने की शपथ भी ली।